आज की सबसे बड़ी स्वास्थ्य प्राथमिकता हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की है। हमारे शरीर को अनेक प्रकार के रोगों से बचाने के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है। यह प्रतिरक्षा तंत्र प्रोटीन और ऊतकों से मिलकर बना है। प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर हम थोड़े थोड़े समय के अंतराल ही सर्दी जुखाम वह बीमारी की चपेट में आने लगते हैं।
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प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे काम करती है।
श्वेत रुधिर कणिकाएं जिनको सैनिक कणिकाएं भी कहते हैं। यह हमारे शरीर में प्रतिरक्षा का कार्य करती है तथा शरीर को संक्रमित करने वाले रोगाणु, परजीवी या विषाणु को नष्ट कर शरीर को स्वस्थ बनाते हैं। मानव के प्रतिरक्षा में थाइमस,अस्थि मज्जा ,लसिका ग्रंथि ,एंटीबॉडी जैसे अनु पाए जाते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को दो भागों में बांटा गया है।
- इनेट इम्यूनिटी :-
जन्मजात होती है इसे टीकाकरण के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह इम्यूनिटी पानी भोजन तथा किसी अन्य पदार्थ के सेवन से हमारे शरीर में आने वाले बैक्टीरिया वायरस को कुछ ही पल में समाप्त कर देते हैं। - अडेप्ट इम्यूनिटी:-
यह हमारे शरीर में खान -पीन , इंजेक्शन,हमारे रहने के तरीके से हमारे अंदर विकसित होती है। लसिकाभ मैं टी-लसिकानू बनते हैं टी लसिकानू स्थानांतरण होकर बी लस्सीकानू को एक्टिव करता है और यह antibody का निर्माण कर वायरस को खत्म कर देता है।
इम्यूनिटी को इस प्रकार बढ़ाया जा सकता है।
- गिलोय का सेवन करना चाहिए, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- कच्चे लहसुन का सेवन करें, इसमें सल्फर अलीसीन पाए जाते हैं।
- हल्दी का सेवन करना चाहिए, इसमें lipopolysaccharide पाया जाता हैं।
- ग्रीन टी का सेवन करें – इसमें एंटी-ऑक्ससिडेंट तत्त्व होते है जो वजन को काम करते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढतें है।
- अलसी का सेवन – अलसी में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ओमेगा-3 और फैटी एसिड हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है।
- दालचीनी का सेवन – इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हानिकारक बैक्टीरिया को रोकने एवं खून को जमने से रोकने में मदद करते है। यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण करने में बहुत लबदायक है।
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