आज हम इस ब्लॉग में योग के बारे मे चर्चा करेंगे। कि योग मे कई तरह के आसन, प्राणायाम और ध्यान की प्रक्रिया है। जिससे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को अच्छा किया जा सकता है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम योग का महत्व और इससे होने वाले शारीरिक और मानसिक लाभों के बारे मे बात करने वाले है।
योग के लाभ
शारीरिक लाभ
- योग शरीर को मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है।
- योग करने से रक्तचाप और शुगर को नियमित किया जा सकता है।
- योग शारीरिक मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता हैं।
- योग के आसनों का अभ्यास करने से कमर, गर्दन, और पीठ दर्द में सुधार होता है।
- योग अच्छी नींद लेने की शारीरिक क्षमता को सुधारता है।
मानसिक लाभ
- योग मानव शरीर को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ – साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूती प्रदान करता हैं।
- योग करने से एकाग्रता मे वृद्धि होती है। जिससे हमारी कार्यशैली मे सुधार होता है।
- नियमित योग मन की बेचैनी और व्याकुलता को दूर करने मे सहायक होता है।
- योग से तनाव और चिंता को दूर किया जा सकता हैं।
योग वेदो के अनुसार
महर्षि चरक के अनुसार :- “मन का इन्द्रिय एवम् विषयों से पृथक होकर आत्मा में स्थिर होना ही योग है।”
भगवदगीता के अनुसार :- “सुख -दुःख, पाप – पुण्य, शत्रु – मित्र आदि द्वंदों से अतीत मुक्त होकर सर्वत्र समभाव से व्यवहार करना ही योग है।”
महर्षि पतंजलि के अनुसार :- “अभ्यास – वैराग्य द्वारा चित्त की वृतियों पर नियंत्रण करना ही योग है।”
योग के आसन
योगासन का इतिहास उतना ही पुराना है जितना की हमारे वेद और शास्त्र है। प्राचीन काल मे ऋषि और मुनि योगासन की शिक्षा दिया करते थे। जिससे विद्यार्थीओ मे शारीरिक और मानसिक बल का विकास होता था। हमे शरीर को स्वस्थ्य बनाने के लिए नियमित योग जरूर करना चाहिए।
प्राचीन ग्रंथो और वेदो मे योग के मुख्य रूप से 84 प्रकार के आसन बताये गए है। परंतु हर ग्रन्थ और वेद मे इसकी संख्या अलग अलग बताई गयी है। जिनमे निम्न प्रकार से है।
- योग के 84 आसनों के बारे मे शिवसहिंता मे बताया गया है।
- योग के 15 आसनों के बारे मे हठयोग प्रदीपिका मे बताया गया हैं।
- योग के 32 आसनो और 25 मुद्राओं के बारे मे घेरण्ड संहिता में बताया गया है।
प्रमुख योगासन
- 12 योगासन क्रम को सूर्यनमस्कार कहते है।
- सूर्यनमस्कार के 12 आसन :- प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार , भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन/ पर्वतासन, अश्व संचलानासन, हस्तपादासन।
- सुबह के समय करने वाले मुख्य योगासन :- ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, पश्चिमोत्तासन, भरद्वाजासन।
- रात को खाना खाने के बाद किये जाने वाले मुख्य योगासन :- वज्रासन, गोमुखासन, धनुष मुद्रा, माला मुद्रा।
योग मे क्या खाना चाहिए
योग करने के 1 घंटे बाद ही कुछ खाना चाहिए। क्यों की योग करने से हमारे शरीर मे रक्त प्रवाह अधिक रहता है। और शरीर गरम होता है।
- योग करने के आधे घंटे बाद आप को प्रोटीन और कार्बोहाइट्रेट युक्त भोजन करना चाहिए।
- योग के आधे घंटे बाद जैसे दही, हरी सब्जी, अंडे, दाल और डॉयफ्रुइट भी खा सकते है।
- योग करने के आधे घंटे पहले आप नारियल जूस और फल खा सकते है।
- आप हल्का स्नैक भी ले सकते है।
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योग मे क्या नहीं खाना चाहिए
- योग से पहले कभी भी आप को चाय का सेवन नहीं करना है।
- नियमित योग मे कभी भी फ़ास्ट फ़ूड नहीं खाना चाहिए।
- योग मे कभी भी मसालेदार सब्जी या खाना नहीं खाना चाहिए।
- योग करने से पहले कभी भी नॉनवेज नहीं खाना चाहिए। क्यों की वह जल्दी से पचता नहीं है। जिससे आप को उल्टी भी हो सकती है।
योगासन के फायदे
- योग करने का सही समय सुबह 4 से 7 बजे का होता है। इस समय किया हुआ योग काफी फायदेमंद होता है।
- रोजाना कम से कम 30 मिनिट योगासन करना चाहिए।
- योग तनाव को कम करता है।
- नियमित योग करने से अच्छी नींद आती है।
- योग मन को शांत रखता है।
- योग करने से मासपेशियो मे खिचाव नहीं आता है।
योगासन कब नहीं करना चाहिए
- भोजन के तुरंत बाद योग नहीं करना चाहिए। भोजन के कम से कम 2 से 3 घंटे बाद ही योग करना चाहिए।
- सर्जरी, फ्रैक्चर, बीमारी या मोच के समय योगासन नहीं करने चाहिए। क्यों की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
- योग करने के 30 मिनिट तक ना कुछ पिए, ना कुछ खाये और ना ही नहाना चाहिये।
- माहवारी के समय औरतो को योग करने से बचना चाहिए।
- जब आप को शारीरिक थकावट हो तो योग नहीं करना चाहिए।
Note –
हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से योग की मदद से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के बारे में बताया हैl आपको हमारे द्वारा बताए गए योग – शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सफल राज़ अच्छे लगे तो Follow जरूर करेl
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