भारत का परिचय (प्राचीन भारत का इतिहास )

  1. परिचय 
  2. इतिहास 
    • सिंधुघाटी सभ्यता
    • महाजनपद काल
    • मौर्य काल
    • गुप्त काल
    • दक्षिण भारत का इतिहास
    • मध्यकालीन भारत
      • दिल्ली सल्तनत
  3. भौगोलिक जानकारी    
    • क्षेत्रफल
    • समुद्रतट
    • नदियाँ
    • जलवायु
    • झीले
    • बाँध
    • दर्रे
    • पडोसी देश                           

1. परिचय 

भारत विश्‍व की सबसे पुरानी और समृद्ध सम्‍यताओ में से एक रहा है। भारतीय संस्‍कृति बहुरंगी विविधताओ का मिश्रण है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति अपने आप को समय के अनुसार बदलती आई है। भारत इस बदलते स्वरूप के कारण ही आज अपनी एक अलग आत्‍मनिर्भर पहचान बना पाया है। भारत उन चंद देशों में भी शुमार हो चूका है, जिनके कदम चांद पर पहुंच चुके हैं।

भारत क्षेत्रफल की द्रष्टि से विश्व मे सातवां बड़ा देश है। जो भारत को एशिया और विश्व मे अपनी एक अलग भौगोलिक पहचान दिलाता है। भारत उत्तरी  दिशा में हिमालय पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। दक्षिण में हिन्‍द महासागर है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। और पश्चिम में अरब सागर है। जो की इसकी सीमा को निर्धारित करते हैं। 

अगर आप एक विधार्थी है तो आप के लिए भारत – एक परिचय लेख महत्वपूर्ण हो सकता है। क्यों की इस लेख मे हम आप को भारत के बारे मे कुछ जानकारी दे रहे है। जिसमे इतिहास, भूगोल और पड़ोसी देशो के बारे मे संक्षिप्त विवरण दे रहे है। तो आप एक बार एक पोस्ट को जरूर पढ़े।

2. इतिहास 

भारतीय इतिहास की पहचान विश्व इतिहास में एक स्थान रखती है। भारतीय इतिहास अपनी सभ्यता और संस्कृति के बदलाव का साक्ष्य रहा है। अनगिनत बदलाव के बाद ही आज हम आधुनिक दौर मे साँस ले पा रहे है।  

भारतीय इतिहास लगभग 75,000 साल पुराना है। सबसे पुरानी मानव प्रजाति होमो सेपियंस का मिलना एक प्रमाण है। सिंधु घाटी सभ्यता 5,000 साल पहले के मनुष्यो ने कृषि और व्यापार जैसे कार्य करने सिख लिए थे। जो की इस सभ्यता को समृद्ध बनाते है। 

2.1 सिंधुघाटी सभ्यता 

सिंधु घाटी सभ्यता 2500 ई.पू.-1500 ई.पू. : सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। सिंधु घाटी सभ्यता शब्द का निर्माण सिंधु नदी के कारण हुआ था। सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है।  उस समय कृषि की जाती थी। 

  • सिंधु घाटी सभ्यता का क्षेत्र पाकिस्तान और पश्चिमी भारत मे फैला हुआ है।
  • सिंधु घाटी की सभ्यता की जानकारी 1920 के बाद हुई है।
  • भारतीय पुरातात्विक विभाग ने इस घाटी सभ्यता को दो शहर मे बाटा था।
  • यहां पर खुदाई मे काफी चीज़े मिली थी:
    • मुहर
    • चांदी के आभूषण
    • सोने के आभूषण
    • घरेलू सामान
    • खिलौने
    • युद्ध के हथियार
    • बर्तन
  • इस सभ्यता मे व्यापार किया जाता है।
  • सिंधु घाटी सभ्यता मे चीजों की देखभाल की जाती थी।
  • इस सभ्यता में चौड़ी चौड़ी सड़कें और विकसित निकास प्रणाली भी थी।
  • यहां के घर ईटों से बने होते थे।
  • यहाँ पर घर दो या दो से अधिक मंजिलो वाले भी होते थीं।
  • सिंधु घाटी सभ्यता का अंत लगभग 1500 BC तक हुआ था।
  • प्राकृतिक आपदाओं के कारण सिंधु घाटी सभ्यता नष्ट हो गई थी।

2.2 महाजनपद काल

छठी शताब्दी ईसापूर्व को महाजनपद काल के नाम से भी जाना जाता है। महाजनपद काल मे लोहे के अस्तित्व और सिक्कों का चलन महत्वपूर्ण माना जाना जाता है। 

यही समय था जब भारत मे बौद्ध और जैन जैसी अनेक विचारधाराओं का विकास हुआ था। महाजनपद के सोलह राज्यों का उल्लेख बौद्ध और जैन धर्म के ग्रंथों में मिलता है। महाजनपदों के नामों की सूची मे वज्जि, मगध, कोशल, कुरु, पांचाल, गांधार और अवन्ति नाम मिलते हैं। ये मुख्य महत्त्वपूर्ण महाजनपद थे। जिनका उल्लेख बौद्ध और जैन दोनों धर्म ग्रंथों में मिलता है।

मुख्य रूप से राजा का ही शासन महाजनपदों पर रहता था। परन्तु गण और संघ नाम के राज्यों में जनता का समूह शासन करता था। भगवान महावीर और भगवान बुद्ध इन्हीं समूह से सबन्ध रखते थे। इतिहासकारो की उदासीनता के कारण इन राज्यों का इतिहास नहीं लिखा जा सका। फिर भी ऐसे राज्य लगभग एक हज़ार साल तक अस्तित्व मे रहे थे।

16 महाजनपद इस प्रकार है :- काशी, कोसल, अंग, मगध, वज्जि, मल्ला, चेदि, वत्स, कुरु, पंचाल, मत्स्य, अवंती, गांधार, कम्बोज, सुरसेना, अस्सका। 

2.3 मौर्यकाल 

नंद राजाओं का सम्बन्ध मगध राजवंश से था। उस समय यह राजवंश उत्तर का शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करता था। कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध चाणक्य एक ब्राह्मण मंत्री हुआ करते थे। जिन्होंने मौर्य परिवार के चंद्रगुप्त को एक साम्राज्य निर्माता के रूप मे प्रशिक्षण दिया था। चंद्रगुप्त ने ही सेना निर्माण और संगठित करके नंद साम्राज्य को उखाड़ फेंका था। मौर्य वंश का संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य को माना जाता है। 

  • चंद्रगुप्त मौर्य (322 – 298 ईसा पूर्व)
  • बिन्दुसार (297 – 272 ईसा पूर्व)
  • महान अशोक (268 – 232 ईसा पूर्व)
  • बाद के मौर्य (232-184 ईसा पूर्व)

2.4 गुप्त काल :-  

भारत का स्वर्ण काल गुप्त काल को कहा जाता है। गुप्त साम्राज्य मे राजा वंशानुगत सिद्धान्त पर बनाते थे। राजा बड़े पुत्र को युवराज बनाते थे। उस समय गुप्त साम्राज्य पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर पश्चिम में सौराष्ट्र तक फैला हुआ था।  उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में विंध्य पर्वत तक फैला हुआ था। 

गुप्त साम्राज्य के अन्य शासको ने जिनमे नरसिंहगुप्त, कुमारगुप्त द्वितीय, कुमारगुप्त तृतीय, विष्णुगुप्त आदि ने मिलकर कुल 74 साल तक शासन किया था।

  • श्री गुप्त (240-280 ईस्वी) 
  • घटोत्कच (280-319 ईस्वी)
  • चंद्रगुप्त प्रथम (319-334 ईस्वी) 
  • समुद्रगुप्त (335-380 ईस्वी)
  • चंद्रगुप्त द्वितीय (380-412 ईस्वी)
  • कुमारगुप्त (415-455 ईस्वी)
  • स्कन्दगुप्त (455-467 ईस्वी)
  • विष्णुगुप्त (540-550 ईस्वी)

2.5 दक्षिण भारत का इतिहास 

भारत के विंध्याचल पर्वत से कन्याकुमारी तक के क्षेत्र को दक्षिण भारत कहते हैं। उतर भारत से अलग करके देखे जाने वाले दक्षिण क्षेत्रों के इतिहास और समाज के अध्ययन में जितने गहरे उतरते जायेंगे। उतने  आपको दक्षिण भारत के इतिहास का महत्व और अधिक समझ में आएगा।

दक्कन का क्षेत्र तो मौर्य साम्राज्य में शामिल था। दक्षिण भारत की प्रमुख रियासतें चोला, पांड्या, चेरा और सतियापुत्रों की रियासतें जो मौर्य साम्राज्य की पड़ोसी थी। दक्षिण में रियासतों में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे थे। जिससे आने वाले समय में राज्य व्यवस्थाओं का उदय हुआ। 

  • राष्ट्रकूट राजवंश (756 ई. – 967 ई.)
  • चालुक्य राजवंश (543 ई. – 1200 ई.)
  • पल्लव राजवंश (275 ई. – 897 ई.)
  • चोल राजवंश (985 ई.- 1303 ई.) 
  • वाकातक राजवंश (300 ई. – 500 ई.) 
  • अन्य राजवंश 

2.6 मध्यकालीन भारत

2.6.1 दिल्ली सल्तनत 

अरब और मध्य एशिया में इस्लाम धर्म की स्थापना के कारण धार्मिक और राजनीतिक प्रसारवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया था। दिल्ली सल्तनत की नींव 1206 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा रखी गई थी। मंगोलों के आक्रमण से इस्लामी शासक डरे हुए थे। मंगोलों के आतंक के कारण इस्लाम के जन्म स्थान से इस्लामी राजसत्ता के पाँव उखड़ गये थे। 

दिल्ली सल्तनत पर निम्नलिखित 5 वंशों का शासन रहा था।      

  • ग़ुलाम वंश (1206 से 1290 ई.)
  • ख़िलजी वंश (1290 से 1320 ई.)
  • तुग़लक़ वंश (1320 से 1414 ई.)
  • सैय्यद वंश (1414 से 1451 ई.) 
  • लोदी वंश (1451 से 1526 ई.)

दिल्ली पर शासन करने वाले शासक व शासन काल-

क्रमांक राजवंशसमय शासक
1   ग़ुलाम राजवंश(1206 से 1267 ई.)कुतुबुद्दीन ऐबक
आरामशाह
 इल्तुतमिश
रुक्नुद्दीन फ़िरोज
रज़िया सुल्तान
मुईजुद्दीन बहरामशाह
अलाउद्दीन मसूदशाह
नासिरुद्दीन महमूद
2 बलबनी राजवंश(1266 से 1290 ई.)ग़यासुद्दीन बलबन 
कैकुबाद एवं शमसुद्दीन क्यूमर्स 
3 ख़िलजी राजवंश(1290 से 1320 ई.)जलालुद्दीन फ़िरोज ख़िलजी 
अलाउद्दीन ख़िलजी 
शिहाबुद्दीन उमर ख़िलजी
क़ुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी 
नासिरुद्दीन खुसरवशाह
4 तुग़लक़ वंश(1320 से 1414 ई.)ग़यासुद्दीन तुग़लक़
मुहम्मद बिन तुग़लक़ 
फ़िरोज शाह तुग़लक़ 
ग़यासुद्दीन तुग़लक़ द्वितीय 
अबूबक्र 
नासिरुद्दीन महमूदशाह 
नसरत शाह तुग़लक़ 
महमूद तुग़लक़ 
5 सैय्यद वंश(1414 से 1451 ई.)ख़िज़्र ख़ाँ 
मुबारक शाह 
मुहम्मदशाह 
अलाउद्दीन आलमशाह
6 लोदी वंश(1451 से 1526 ई.)बहलोल लोदी 
सिकन्दर शाह लोदी 
इब्राहीम लोदी

3. भौगोलिक जानकारी 

बंगाल की खाड़ी भारत के पूर्व में और अरब सागर पश्चिम में है। हिमालय पर्वत की श्रृंखला उत्तर में तथा हिन्‍द महासागर दक्षिण में से घिरा हुआ है।

3.1 क्षेत्रफल :-

भारत का भौगोलिक क्षेत्रफल32,87,263 वर्ग कि.मी. है। पूर्व से पश्चिम दिशा की चौड़ाई 2,933 कि.मी. है। जबकि उत्‍तर से दक्षिण की लंबाई 3,214 कि.मी. है। 

3.2 समुद्रतट :-

भारतीय द्वीपसमूह की तटरेखा की लम्‍बाई 7,516.6 कि.मी है। भारत की सीमाओं की लंबाई 15,200 कि.मी. है।

3.3 नदियाँ :-

भारत नदियों का देश है। नदियां देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारतीय की ज्यादातर नदियां बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। भारत में नदियों की संख्या बहुत है, फिर भी जो लम्बाई के हिसाब से प्रमुख हैं। इस लेख मे हम आपको भारत में बहने वाली प्रमुख 10 सबसे लंबी नदियों जिनकी लम्बाई, उत्पति और कहाँ गिरती है के बारे मे पड़ेंगे। 

क्रमांक नदियाँ उत्पति लम्बाई (कि.मी)कहाँ गिरती है 
सिंधु नदीमानसरोवर झील, तिब्बत2900 अरब सागर
ब्रह्मपुत्र नदी कैलाश पर्वत, हिमालय 2900 बंगाल की खाड़ी 
गंगा नदी गंगोत्री 2525 बंगाल की खाड़ी 
गोदावरी नदी नासिक, महाराष्ट्र 1465 बंगाल की खाड़ी 
कृष्णा नदी पश्चिम घाट, महाबलेश्वर 1400 बंगाल की खाड़ी 
यमुना नदी यमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड 1376 प्रयागराज, गंगा नदी 
नर्मदा नदी अमरकंटक, मध्यप्रदेश 1312 अरब सागर
महानदी रायपुर, छत्तीसगढ़851 बंगाल की खाड़ी 
कावेरी नदी ब्रह्मगिरी, कर्नाटक 800 ग्रैंड एनीकट, दक्षिण 
10 तापी नदी सतपुड़ा रेंज 724 अरब सागर 

3.4 जलवायु :- 

  • सर्दी :- दिसंबर से अप्रैल तक 
  • गर्मी :- अप्रैल से जून तक 
  • मानसून या वर्षा :- जून से सितम्बर तक 
  • वर्षा के बाद :- अक्टूबर से दिसंबर तक 

3.5 प्रमुख झीले :-

भारत मे 15,000 से झीले है। जिनमें से 100 बड़ी झीले हैं। हम कुछ बड़ी झीलों के बारे मे पढेंगे। 

क्रमांकराज्य झीले 
तेलंगाना हुसैन सागर और नागार्जुन सागर 
उड़ीसा चिल्का 
राजस्थान राजसमंद, जयसमंद, फतेहसागर, पिछोला, नक्की झील, लूनकरसर, डीडवाना, सांभर, ढेबर, पुष्कर और आनासागर 
केरल बेम्बनाड और अष्टमुदी 
मणिपुर लोकटक 
सिक्किम सोंगमा 
चंडीगढ़ सुखनाझील 
हिमाचल भृगु, मछियाल, रेणुका, सूरजताल और चन्द्रतल 
महाराष्ट्र लोनार और पोवई 
10 जम्मू-कश्मीर वुलर, डल, अनंतनाग, शेषनाग, नागिन, गंगाबल और मानसबल 
11 हरियाणा सूरजकुंड 
12 उत्तराखंड नैनीताल, भीमताल,सातताल, देवताल, राकसताल और मालातल 
13 कर्नाटक बेलांदुर 
14 तमिलनाडु कोडाइकनाल और कालीवेली 

3.6 प्रमुख बाँध :-

बाँध वह सरचना है जिसका निर्माण कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से किया जाता है। जो नदियों के पानी को इकट्ठा करके रखता है और जब पानी की जरुरत हो तब आवश्यकता के समय उपयोग में लिया जा सकता है।

क्रमांकबाँधनदी राज्य 
तुंगभद्रा बांधतुंगभद्रा कर्नाटक
बीसलपुर बाँध बनास राजस्थान 
भवानी सागर बांधभवानी तमिलनाडु
हीराकुण्ड बाँध महानदी ओडिशा
टिहरी बांधभागीरथी उत्तराखण्ड
कोयना बांधकोयना महाराष्ट्र 
इंदिरा सागर बांधनर्मदा मध्यप्रदेश 
सलाल परियोजनाचिनाब जम्मू और कश्मीर
सरदार सरोवर बांधनर्मदागुजरात 
10 थीन बांध परियोजनारावी पंजाब 

3.7 प्रमुख दर्रे :-

दो पर्वत या पहाड़ों के बीच बनने वाले रास्ते को दर्रा कहा जाता है।

  1. जम्मू और कश्मीर :- जोजिला दर्रा, काराकोरम दर्रा, पीर पंजाल दर्रा, बनिहाल दर्रा।
  2. हिमाचल प्रदेश :- शिपकी ला दर्रा, बड़ा लाचा दर्रा, रोहतांग दर्रा। 
  3. उत्तराखंड :- लिपुलेख दर्रा, माना दर्रा, नीति दर्रा। 
  4. अरुणाचल प्रदेश :- बोमडिला दर्रा, दिफू दर्रा, यंगयाप दर्रा। 
  5. सिक्किम :- नाथूला दर्रा, जलेप ला दर्रा। 
  6. मणिपुर :- तुजू दर्रा

3.8 पडोसी देश :-

1. अफगानिस्तान

  1. सीमा की लंबाई- 106 किमी
  2. आधिकारिक भाषाएं – दारी, पश्तो
  3. मुद्रा – अफगानी
  4.  राजधानी – काबुल 

2. पाकिस्तान

  1. सीमा रेखा – 3323 किमी
  2. राजभाषा – उर्दू
  3. मुद्रा – पाकिस्तानी रुपया
  4. राजधानी – इस्लामाबाद

3. चीन

  1. सीमा रेखा – 3488 किमी
  2. राजभाषा – मंदारिन
  3. मुद्रा – चीनी युआन
  4. राजधानी – बीजिंग

4. भूटान

  1. सीमा रेखा – 699 किमी
  2. राजभाषा – ज़ोंगखा
  3. मुद्रा – नगुल्ट्रम
  4. राजधानी – थिम्फू

5. नेपाल 

  1. सीमा रेखा – 1751 कि.मी
  2. राजभाषा – नेपाली
  3. मुद्रा-नेपाली रुपया
  4. राजधानी – काठमाण्डु

6. श्रीलंका

  1. सीमा रेखा – समुद्री सीमा
  2. राजभाषा- सिंहल, तमिल
  3. मुद्रा – श्रीलंकाई रुपया
  4. राजधानी – कोलंबो 

7. बांग्लादेश

  1. सीमा रेखा – 4096.7 कि.मी
  2. राजभाषा-बंगाली
  3. मुद्रा – बांग्लादेशी टका
  4. राजधानी – ढाका

8. म्यांमार

  1. सीमा रेखा – 1643 कि.मी
  2. राजभाषा – बर्मी
  3. मुद्रा – बर्मीज क्यात
  4. राजधनी – नाएप्यीडॉ

9. मालदीव

  1. सीमा रेखा – समुद्री सीमा
  2. राजभाषा – धिवेही
  3. मुद्रा – मालदीवियन रूफ़िया
  4. राजधानी – माले

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