Site icon

युवाओं में बढ़ रहीं हार्ट प्रॉब्लम।

Heart problem is increasing among the youth - युवाओं में बढ़ रहीं हार्ट प्रॉब्लम

बदलाव प्रकृति का एक नियम है। इस बदलती हुईं जीवन शैली से समाज का हर एक वर्ग प्रभावित है। उनके खान पान रहन सहन और तौर तरीकों में काफ़ी परिवर्तन देखें जा सकते हैं। लोग एक दूसरे की देखा देखी व भेड़ चाल की तरफ़ बढ़ रहे है। युवाओं में बढ़ रही हार्ट प्रॉब्लम का कारण गुटखा, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट और शराब आदि नशीले पदार्थ है। इनका सेवन युवा वर्ग कम्युनिटी में बैठकर करते है। और अपने आप पर गर्व महसूस करने से पीछे नहीं रहते। अव्यवस्थित जीवन जीने के इन तरीकों से शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। शरीर की देखभाल न किए जाने के कारण नौजवानों में हार्ट डिजिज बढ़ रहीं हैं। 40 से कम उम्र के लोग भी अपनी जान गवाँ रहें है। समय रहते सतर्क हों जाएं। दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए मौत के पैमाने को कम किया जा सकता है।

हार्ट प्रॉब्लम

इस ख़तरे से बचने के लिए हमें हार्ट की गतिविधियों से रूबरू होना चाहिए। हार्ट एक पम्प की तरह निरंतर काम करता है। जिससे शरीर के प्रत्येक अंग को ब्लड की सप्लाई करता है। अधिक घी, मिट, मिठाई ,नमक,हाईजीन फूड और नशीली चीजें खाने से हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे रक्त धमनिया सिकुड़ने लगती है। हार्ट में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई न होने के वजह से हार्ट फड़फड़ाने लगता है। ख़तरे की इस घंटी को तीन अवस्था में बाँटा गया है।

हार्ट डिजिज बढ़ने के कारण।

हाई ब्लडप्रेशर, सुगर, डायबिटीज़, मोटापा और तनाव के कारण हार्ट डिजिजका ख़तरा बढ़ने लगता है। इनकी तरफ़ ध्यान केंद्रित कर। सही डाइट फॉलो करे, सुबह शाम घूमने और व्यायाम करने की आदत डाल ली जाएं। तो हार्ट डिजिज से बचाव किया जा सकता है।

लक्षणों को पहचाने।

रखे कुछ सावधानियाँ।

कोलेस्ट्रॉल पर करे नियंत्रण।

घी, तेल, जंक फूड खाने और एनिमल फूड खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे हार्ट डिसिस का ख़तरा बढ़ता है।

मोटापे पर नियंत्रण।

मोटा शरीर में हार्ट डिजिज के साथ अनेक बीमारी के होने का ख़तरा बढ़  जाता है। हल्का काम और थोड़ी बहुत दौड़ भाग से शरीर थक जाता है।  पर जब शरीर की एक्सरसाइज कर शरीर को फिट रख लिया जाएं। तो बीमारियाँ दूर होने लगती है।

ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण।

ब्लड प्रेशर के बढ़ने के कारण व्यक्ति में चिड़चिड़ापन आने लगता है। बेवजह घुसा करने लगता है। जिसका असर हार्ट पर होने लगता है। अटैक आने का ख़तरा बड़ जाता है। गर्म चीज़ों व नमक का सेवन कम करने से हाई ब्लप्रेशर पर नियंत्रण किया जा सकता है।

शुगर लेवल पर नियंत्रण।

शुगर बढ़ने से धमनियाँ कमजोर होने लगती। और फैलने लगती है। शरीर के कमजोर होने से शरीर में हार्ट डिजिज का ख़तरा बढ़ जाता है। कम मीठा और कम चाय कॉफ़ी से सुगर लेवल से इससे कंट्रोल किया जा सकता है।

योग अभ्यास।

योग करने से एक ऊर्जा का संचार होता है। हमारा रक्त संचार भी अच्छा हो जाता है। योग में अलग अलग आसान है। अपने स्वास्थ्य के अनुसार योग करे। भारत योग में विश्व गुरु है। युवाओं में बढ़ रही हार्ट प्रॉब्लम को योग से नियंत्रित किया जा सकता है।

जाँच करवाये।

हार्ट पेशेंट को बिना कोई देरी व आलस किए अपने शरीर के प्रति अलर्ट हो जाना चाहिए। कुछ समय के अंतराल ही शरीर की जांच ब्लड प्रेशर, सुगर जांच और हार्ट से सम्बन्धित जांच करवाते रहना चाहिए। डॉक्टर के द्वारा बताई गई बातों पर ध्यान भी देना चाहिए।

Exit mobile version