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स्वस्थ्य रहने के लिए इन वास्तु टिप्स को अवश्य आजमाएँ।

स्वस्थ्य रहने के लिए इन वास्तु टिप्स को अवश्य आजमाएँ

संसार मे मनुष्य के स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया है। शरीर के बारे में कहां गया है, की स्वस्थ्य शरीर में ईश्वर का निवास होता है। तो इस ईश्वर रूपी शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखे। मानसिक बीमारियों व नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने के लिए शास्त्रों में भी वास्तु टिप्स के बारे में बताया गया है। इन टिप्स को अपनाकर हम एक अच्छे स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच, अच्छे मन और मस्तिष्क का निर्माण कर सकते हैं।

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कैसा हो आपका शयन कक्ष।

शयन कक्ष वह होता है। जहां आप सबसे ज्यादा शांत महसूस करते हो। अगर आप शयनकक्ष मे समय पर सो नहीं पा रहे है। आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही है। जिससे आपको बेचैनी महसूस होती है। इन समस्याओं का हल वास्तु शस्त्रों में बताया है।

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आपकी रसोई हो ऐसी।

घर में ज्यादातर बीमारियों का प्रवेश रसोई घर से ही होता है। शौचालय व स्नानघर रसोईघर से जुड़े हुए ना हो इनसे नकारात्मक ऊर्जा बनती है। जो रसोई घर में प्रवेश करके हमारे शरीर में पहुंच जाती है। जिससे हमें कोई न कोई बीमारी हो सकती है। हमारा स्वास्थ्य भी ख़राब हो सकता है। जो की सही नहीं है। हमरी जीवन शैली के लिए। इन समस्याओं का हल वास्तु शस्त्रों में बताया है।

प्रवेश द्वार पर सीढ़ियां न हो।

घर के प्रवेश द्वार खुलते ही सीढ़ियां और शौचालय दिखाई नहीं देना चाहिए । स्नानघर व रसोईघर सीढ़ियां के नीचे वाले हिस्से में नही होना चाहिए। ये वास्तु दोष घर के मुखिया के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

जल के पात्र एवँ जलकुंड किस दिशा में हो।

जल की महत्व को सभी ने स्वीकार किया है। जल जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उसी तरह घर की सुख समृद्धि में वृद्धि करने के लिए घरों में भूमिगत जल का ईशान कोण में होना बताया है। घर से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी का भाव क्षेत्र उत्तर या पूर्व से होना शुभ माना गया है। नल से पानी का टपकना अशुभ माना गया है। इससे भूख की समस्या पैदा हो सकती है।

इनसे मिलती है, सकारात्मक ऊर्जा व मन की शांति ।   

घर की कुछ चीजें देती है,अशुभ संकेत।

           

           

          

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