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शीघ्रपतन, स्वप्न दोष(Night fail), मासिक धर्म(पीरियड्स ), और संभोग से जुडी समस्याओ के आयुर्वेदिक सुझाव व उपचार

1. पुरुषो से जुडी समस्याएँ  

2. स्त्रीयो से जुडी समस्याएँ

3. संभोग के सुझाव

1. पुरुषो से जुडी समस्याएँ

शीघ्रपतन :- 

संभोग के समय जल्दी ही वीर्य पतन हो जाए तो इसको शीघ्रपतन कहते हैं। पुरुषो में यह एक गम्भीर समस्या है और सोचने का विषय है। इसके निम्न उपचार कर सकते हैं :-

1. पांच इमली के बीज (चिये) रात को सोने से पहले एक कटोरी गर्म पानी में भिगो दें। सुबह को हाथ से रगड़कर इनका छिलका उतारें। एक किलो दूध में डालकर आधा दूध रहने तक पका लें। फिर दूध उतारकर प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें। बीज फूल जाएंगे। रात को सोने से पहले सारे बीजों को बारीक चबाकर खाएं, साथ में बाकी दूध भी पी लें। कुछ ही दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। एक माह नियम से सेवन करें। इमली की ‘खटाई भूलकर भी न खाएं। दवा लेते समय पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करें।

2. असली वंश लोचन तथा सत्व गिलोय बराबर मात्रा में लें तथा कूट लें। प्रतिदिन दो ग्राम शहद के साथ लें। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है और जल्दी स्वतः स्खलित नहीं होता।

3. जायफल चूर्ण 3 रत्ती पुरुष अपनी इन्द्रिय पर रखकर सहवास करे। इससे स्त्री जल्दी स्खलित हो जाएगी।

स्वप्न दोष(NIght fail) और उसका इलाज

रात को सोते समय कोई कामुक सपना देखते हुए वीर्य निकल जाने को स्वप्न दोष कहते हैं। वैसे यह शिकायत हर नौजवान को हो जाती है। और वो इससे काफी परेशान रहते है। अगर यह महीने में 1-2 बार हो तो घबराहट की बात नहीं। और इससे ज्यादा होता है तो थोड़ा सोचने की बात है क्याकि इससे आपके स्वस्थ को काफी खतरा हो सकता है। 

कारण :- गर्म चीजें खाना, ज्यादा तेल खाना, मसाले, अंडे या जंक फ़ूड खाना (पेटीज, बर्गर,) आदि खाना। 

उपचार :- 

 1. तुख्मकाहू, तुख्मकासनी, धनिया, आजवायन, खुरासानीर, तुख्मखीरा, नीलोफर, भूसी ईसबगोल, कुंजा मिश्री बराबर वजन लेकर बारीक करके 6-6 ग्राम सुबह ताजे पानी से 30 दिन तक खायें। रोजाना होने वाला स्वप्न दोष रुक जाएगा। परहेज – गुड़, चावल, खटाई, अंडा, शराब और दूध दवा खाने तक न लें।

2. तुलसी के बीज 4-4 ग्राम पानी के साथ कुछ दिन तक शाम को खायें।

3.बीजबंद 3 ग्राम पानी से खाने से स्वप्न दोष रुक जाता है।

4. सालब मिश्री, मूसली सफेद, संदल सफेद, छोटी इलायची, जीरा सफेद, शतावर, भूसी ईसबगोल, सारी चीजें 10-10 ग्राम लेकर बारीक कूटकर छान लें और 6-6 ग्राम सुबह शाम को दूध के साथ सेवन करें। धात के लिए अचूक दवा है। कुंजा मिश्री 40 ग्राम मिलायें।

5. इमली के बीज 125 ग्राम, 400 ग्राम दूध में भिगोकर रख दें। दो दिन बाद छिलका उतारकर साफ करके पीस लें। 6-6 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें। धात रोग की बेहतरीन औषधि है।

6. कीकर की कच्ची फलियां छाया में सुखाकर बारीक करके और उसके बराबर मिश्री मिलाकर सुबह शाम 6-6 ग्राम दूध के साथ खायें। धात व कमजोरी की बढ़िया दवा है। कतरा, लेस जाना बंद हो जाएगा।

7. मुलहठी का चूर्ण 3 ग्राम शहद के साथ चाटने से स्वप्न दोष ठीक हो जाता है।

8. बनारसी आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन पानी से धोकर चबा-चबाकर खायें। स्वप्न दोष का अच्छा इलाज है। यह नेत्र रोग और दिल के रोगों को भी ठीक करता है।

स्वपन दोष(Night fail) रोकने के उपाय:-

1. कब्ज न होने दें, गुलकन्द या हरड़ का मुरब्बा रात को खायें।

2. रात को ज्यादा गर्म दूध न पियें।

3. सोते समय हाथ पैरों को ठंडे पानी से धोयें।

4. गुप्तांग के बालों को बढ़ने न दें।

5. करवट से सोने की आदत डालें।

6. रात्रि को कम खाना खाएं और खाने के दो घंटे बाद सोने की आदत डालें।

7. गुड़, गन्ना, चावल, खटाई, गर्म मसाले, पकवान, अंडे और शराब से परहेज करें।

8. सुबह नंगे पैर हरी घास पर घूमना चाहिए।

9. शौच जाने से पहले रात का बासी पानी जो तांबे के बर्तन में रखा हो, रोज एक गिलास पीना चाहिए।

10. खाना खाने के बाद पेशाब जरूर करना चाहिए।

11. गन्दी फिल्में व अश्लील तस्वीरें न देखें।

12. बुरे दोस्तों से बचना चाहिए और कोई गन्दी आदत पड़ी है तो आज से ही छोड़ने की कसम खा लें।

13. गुप्तांग की खाल हटाकर रोजाना ताजे पानी से साफ करें।

14. लंगोटी कभी न बांधें। बीमारी कुछ समय की है तो तुखमेरीहा 4-4 ग्राम सुबह शाम पानी से एक सप्ताह खाने से शिकायत दूर हो जाती है। इन बातों पर ठीक से अमल करने से आपकी सेहत भी ठीक हो सकती है।

नोट :- यह एक मानसिक बीमारी है, अतः अपने मन को पवित्र रखें। शीतल जल से स्नान करें। रात्रि को गर्म दूध न पियें तथा रात को सोने- से पहले अपने पैर ठंडे जल से अच्छी तरह धो लें। इससे अच्छी नींद आती है तथा स्वप्न दोष भी नहीं होता।

विशेष : स्वप्न दोष की बीमारी जड़ से तो शादी होने के बाद ही खत्म होती है। महीने में दो तीन बार हो तो कोई चिन्ता न करें। इससे ज्यादा होने पर इलाज अवश्य कराना चाहिए।

धातु रोग

धातु रोग या धातु सिंड्रोम, पुरुषों में होने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसमे मूत्र के साथ साथ वीर्य भी निकालता हैं या नपुंसकता की समस्या होती है। इस स्थिति में कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। 

धातु रोग के लक्षण

उपचार :-

असगंध, नागौरी, सौंठ, चीनी, सभी बराबर लें। विधि : चारों दवाओं को कूटकर कपड़े से छान लें और दवा के बराबर घी कड़ाही में डालकर पकाकर मिला लें। पानी जल जाने पर उतार लें और ठंडा करके एक एक तोला का लड्डू बना लें। एक लड्डू सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लें। इसके सेवन से कमर व हाथ पैर का दर्द व धातु की कमी दूर होकर पर्याप्त बल वृद्धि होती है।

नोट : यह दवा स्त्रियों के लिए भी समान गुणकारी है।

वीर्य स्तम्भक योग

वीर्य स्तम्भक का अर्थ है की आपके वीर्य का मादा अंडाणुओं में प्रवेश या ठहराव। हमे अनेक बार देखने को मिलता है की पुरुषो का वीर्य मादा अंडाणुओं में टिक नहीं पाता है और उन्हें संतान की प्राप्ती नहीं हो पाती है। तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए नीचे दिए गए उपचारो को एक बार अवश्य उपयोग करें।

1. अकरकरा, कबाब चीनी, जायफल, बीजबन्द व अफीम बराबर- बराबर मात्रा में लें। चारों दवा कूटकर कपड़े से छान लें और अफीम पकाकर किमाम कर लें और दवा के साथ घोंटकर 1 ग्राम की गोली बना लें। संभोग से आधे घंटे पहले पान में रखकर एक गोली खायें। जब तक खटाई का परहेज रखेंगे, वीर्य स्तम्भन बना रहेगा।

2. सालब मिश्री पंजे वाली, मूसली सफेद, मूसली काली, सतावर, सालबगट्ठा, बाहमन सूर्ख, बाहमन सफेद, शकाकल मिश्री, दाल चीनी, तबाशीर, मस्तंगी रूमी, कमरकस, तालमखाना, अकरकरा, खुलंजा, गोंद कीकर, सिंघाड़े, बीजबंद, असगंध, विदारीकंद, छोटी इलायची सब 25-25 ग्राम तरूमेरिहां, अजवायन, खुरासानी 10-10 ग्राम, कूंजा मिश्री 300 ग्राम सबको बारीक करके 6-6 ग्राम सुबह शाम दूध से लें। अचार, गन्ना, चावल आदि न खायें।

3. दो देशी अंडे का हलवा देशी घी में बनाकर सर्दियों में सप्ताह में तीन बार खाने से ताकत का भरपूर आयेगी और इसे ताकत का खजाना भी कहते है।

4. सिंघाड़े का हलवा देशी घी में बनाकर 50 ग्राम महीना भर तक खायें। वीर्य गाढ़ा होगा और मर्दाना ताकत बढ़ेगी।

ताकत की खीर

सालब मिश्री पंजे वाली 3 ग्राम, मूसली सफेद 3 ग्राम बारीक पीसकर छान लें। 400 ग्राम दूध आग पर उबालें और उसमें 9 ग्राम दवा डालकर चम्मच से चलायें। जब दूध गाढ़ा हो जाए तो थोड़ी सी खांड मिलायें। इस खीर को सुबह व रात्रि को सोते समय 20 दिन तक खायें। खटाई का परहेज करें। यह केवल एक खुराक है।

फायदे : कमर दर्द, सुस्ती, कमजोरी को दूर करके ताकत को बढ़ाता है। एक बार अवश्य आजमायें।

एक बार अवश्य पढ़े :- सेहत बनाने के लिए Best Diet Plan 

2. स्त्रीयो से जुडी समस्याएँ

स्त्री प्रसूत तथा प्रदर चिकित्सा

स्त्री में यह समस्या गर्भावस्था से पहले व उसके दौरान, और बच्चे के जन्म के बाद हो सकती है और ये बीमारी कभी – कभी जानलेवा भी साबित होती है तो इसे हल्के में न ले। 

उपचार :- 

  1. जामुन के पेड़ की 2 किलो छाल मंगायें। अच्छी तरह धूप में सुखाकर कूट कर बारीक कपड़छन कर लें। बराबर भाग की मिश्री पीसकर मिलायें। एक तोले की एक खुराक सुबह खाली पेट कच्चे दूध के साथ सेवन करायें। एक महीने लगातार सेवन करें। लाल मिर्च का परहेज करें, निश्चित ही लाभ होगा।
  1. पीपल के पके हुए फल को बारीक पीसकर बराबर मात्रा में शक्कर मिश्रित करके गोदुग्ध के साथ स्त्री को पिला दें। इस प्रकार लगातार सेवन से दस-पन्द्रह दिन में प्रसूत और प्रदर रोग समाप्त हो जाएगा।

मासिक धर्म (पीरियड्स) की अधिकता

मासिक धर्म के दौरान ज़्यादा रक्त निकलना या लंबे समय तक रक्त निकलना मेनोरेजिया या भारी मासिक धर्म कहलाता है। यह एक आम समस्या है और करीब चार में से एक महिला को इसका सामना करना पड़ता है। इससे जुडी खास बाते –

  उपचार :- 

1. बीस ग्राम धनिया 200 ग्राम पानी में औटायें। जब पानी 50 ग्राम रह जाये तब छानकर पिला दें, इससे अधिक रक्त गिरना बन्द हो जाएगा।

2. दस ग्राम सफेद काशगरी व एक ग्राम लाल गेरू दोनों को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में भर लें। आवश्यकता पड़ने पर स्त्री को औषधि बताशे में भरकर खिलायें और ऊपर से थोड़ा दूध या पानी दें। अचूक औषधि है। तीन खुराक से ही अवश्य आराम होगा।

बांझपन कैसे दूर करें

बांझपन स्त्रियों में होने वाली सबसे दुखद समस्या है। जिसके कारण वो माँ बनने का सुख प्राप्त नहीं कर पाती जिसके कारण उन्हें आपनो में भी सम्मान नहीं मिलता और उन्हें अपनों में भी अकेलापन महसूस होता है। 

उपचार :-

1. एक पाव पीपल की दाढ़ी को महीन पीसकर कपड़े से छानकर रख लें और समान मात्रा में कच्ची शक्कर खांड मिश्रित करके स्नान के दिन से 2 तोले स्त्री को और 2 तोले मर्द को गोदुग्ध के साथ निरन्तर 10 दिन तक सेवन करायें। ग्यारहवें दिन स्त्री से सहवास करें। इस औषधि से गर्भ अवश्य ठहरेगा। पथ्य-औषधि सेवन के उपरोक्त दस दिन तक स्त्री प्रसंग कदापि नहीं किया जाना चाहिए। मर्द में कमी हो तो इलाज कराएं।

ढीले स्तनों को सुदृढ़ कैसे करे

कच्ची उम्र में ही मैथुन आदि क्रिया में लग जाने के कारण स्तन ढीले हो जाते हैं व लटके रहते हैं। जो बदसूरती पैदा करते हैं। जिससे महिलाओं को सर्म सी महसूस होती है। ढीले स्तनों को पुनः व्यवस्थित या सुदृढ़ करने के उपाय निचे दिए गए है।

  1. इसके लिए कच्चे आम की गिरी को पीसकर स्तनों पर कुछ दिन अच्छी तरह से लेप करें। इससे स्तन चुस्त और पहले की तरह ठोस हो जाते हैं।
  2. सुपारी पाक का कुछ दिनों तक सेवन करने से भी कुछ ही दिनों में स्तन स्वयं ही सुदृढ़ हो जाते हैं।

स्तन के रोग

स्तन के जुड़े रोग बहुत ही घातक साबित हो सकते है और बाद में काफी परेशानी हो सकती है। जैसे स्तनों में दूध न आना, दर्द व सूजन रहना। 

उपचार :-

  1. वट वृक्ष बरगद की दाढ़ी व लाल सिरे को सुखाकर पानी में पीसकर लेप करें। स्तन कड़े हो जाएंगे।
  1. सतावार को महीन पीसकर उसका सेवन करने से दूध बढ़ जाता है।
  2. सरसों की खली को पानी में पीसकर लेप करने से स्तन रोग दूर हो जाते हैं।

3. संभोग के सुझाव

संभोग एक वह पवित्र क्रिया है जो स्त्री और पुरुष के बिच होती है। और यह उनके रिश्ते को और भी मजबूत बनाती है। तथा इसी के कारण उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन संभोग क्रिया के दौरान कुछ खास बातो है ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है क्योकि ये आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। 

संभोग से जुडी आवश्यक बाते :-

  1. संभोग कर चुकने के बाद गुप्तांग को पानी से कभी न धोएं, वरना नसें कमजोर हो जाती हैं। सारी रात इकट्ठे न सोयें।
  2. संभोग के बाद एक गिलास गर्म दूध या थोड़ा गुड़ खा लेने से कमजोरी नहीं आएगी। संभोग से पहले एक लेसदार कतरा निकले तो उसकी ओर ध्यान न दें, वह मज्जी होती है। उसे देखकर बहम करोगे तो इन्द्री सिकुड़ जाएगी। संभोग से पहले वीर्य ज्यादा गुदगुदी होकर निकले तो इसका इलाज जल्दी करायें। संभोग बहुत दिनों बाद किया जाए तो कभी कभी वीर्य जल्दी निकल जाता है। इसे मर्दाना कमजोरी न समझें। दूसरी बार संभोग करने पर सब ठीक हो जाता है। संभोग के फौरन बाद पानी न पीयें।

3. अगर छोटी उम्र में नासमझी के कारण आप अपने अन्दर कमजोरी महसूस करते हैं तो इलाज जरूर करायें।

4. वक्त पर जोश ठीक आता है और बाद में इन्द्री सिकुड़ कर बहुत छोटी नजर आती हो तो उसकी परवाह व बहम ना करें और लम्बे मोटे के चक्कर में पड़कर रुपया बरबाद न करें।

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