चैत माह में नीम, वैशाख माह में चावल, ज्येष्ठ माह में दोपहर का सोना, आषाड़ माह में घर की मरम्मत, साबन माह में हरे, भादों माह में चने, आश्विन माह में गुड़, कार्तिक माह में मूली, अगहन माह मे तेल, पौष माह में दूध, माध माह में खिचड़ी, और फाल्गुन माह में प्रातः स्नान करना, इन सभी तथ्यों का पालन करने से स्वास्थ्य उत्तम रहता है। तथा सुखी व लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।
निचे प्राकृतिक नियम और सामान्य ज्ञान की जानकारी, दी गई है, जो व्यक्तिगत जीवन के लिए लाभदायक हैं।
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स्वस्थ रहने के लिए क्या करे?
- प्रातःकाल उठकर कुल्ला करके एक गिलास ताजा जल पीयें, सूर्योदय से पहले उठें। इससे चित्त अति प्रसन्न रहता है।
- रात को किसी तांबे के बर्तन में पानी रख दें। प्रातःकाल शौच जाने से पूर्व नित्य उस पानी को पीते रहने से पाखाना खुलकर आता है, कब्ज नहीं रहती।
- प्रातः कल में ताम्रपात जल से मुँह धोते समय, मुंह में पानी भरकर आंखों पर पानी के छींटें मारने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- शौच करते समय दांतों को खूब दबाकर बैठन चाहिए। क्योकि इससे दांत जीवन भर नहीं हिलते और कभी भी लकवा रोग की शिकायत नहीं होती है।
- भोजन करने से पहले हमेशा हाथ, मुंह और पैरों धोने चाहिए। क्योकि इससे जठराग्नि का मुंह खुल जाता है और भोजन से पूर्व पानी पीयें।
- भोजन करते समय पानी न पीयें। अगर विशेष आवश्यकता हो तो एक छूट ले सकते हैं। भोजन के एक घंटे बाद ही पानी पीयें, इससे भोजन पेट में आसानी से पच जाता है।
- भोजन के बाद कुछ देर घूमना अत्यंत लाभदायक है। भोजन के बाद बायां स्वर बंद करने से पाचन शक्ति बढ़ती है। रात्रि में सोने से पहने पानी पीना भी हितकारी है।
- सप्ताह में कम से कम एक बार सरसों के तेल की मालिश अवश्य करें। चिन्ता करने से जितनी स्वास्थ्य की हानि होती है उतनी किसी भी रोग से नहीं होती।
- खाना खाने के बाद उठकर पेशाब कर लेने से धातुक्षीणता की बीमारी नहीं होती। स्वप्न दोष का खतरा भी नहीं होता।
- रात को भोजन के तीन घंटे बाद स्त्री-पुरुष को संभोग करना चाहिए। क्योकि इससे जल्दी संभोग करने से पेट की अनेक बीमारियां हो जाती हैं।
- स्त्री को संभोग के फौरन बाद कभी भी बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए, इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।
- मधुमेह के रोगी जिनके पेशाब में चीनी आती है। अगर सुबह शाम नित्य दौड़ लगायें तो बिना औषधि के पेशाब में शक्कर आना रुक जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति ने शराब ज्यादा पी ली हो तो एक कागजी नींबू का रस पिलाने से नशा कम हो जाता है। नींबू का रस शराब व अफीम दोनों के नशे के जल्दी उतार देता है।
- अगर किसी व्यक्ति को भांग का नशा ज्यादा हो गया है तो उसे आधी छटांक अरहर की दाल पानी में उबालकर पिलाने से नशे का प्रभाव तुरंत कम हो जाता है।
- अगर आपने ज्यादा आम खा लियें हों तो ऊपर से दो चार जामुन खा लेने से कोई नुकसान नहीं होगा। अगर ज्यादा जामुन खा लें तो ऊपर से एक दो आम खा लेने से नुकसान नहीं होगा।
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स्वस्थ रहने के लिए जीवन उपयोगी कुछ महत्वपूर्ण बातें :-
शास्त्रों में कहा गया है की :-
पूतिमासं स्त्रियो वृद्धा बालार्कस्तरूणंदधि। प्रभाते मैथुनं निद्रा सद्यः प्राण हराणिषट् ॥
अर्थात् – सड़ा मांस खाना, वृद्धा स्त्री से सम्भोग, आश्विन का सूर्य, तत्काल का जमाया हुआ दही, प्रभात काल में नींद लेना एवं मैथुन करना, इन सभी कारणों से मनुष्य का सबसे ज्यादा प्राण नाश होता हैं।
स्वस्थ रहने के नियम
1. बासी मांस न खायें।
2. वृद्धा औरत के साथ सम्बन्ध न बनाये व रहवास न करें।
3. तुरन्त का जमा दही न खायें।
4. गर्भवती औरत के साथ सम्बन्ध न बनाये।
5. रात्रि में फल न खायें।
6. सूर्य की ओर मुंह करके मूत्र त्याग न करें।
7. देव मंदिर, श्मशान, बरगद, पीपल व नदी, इन स्थानों के पास मूत्र विसर्जन न करें।
8. भोजन के समय क्रोध न करें।
9. दही के साथ मूली का सेवन न करें।
10. लौकी व उरद की दाल एक साथ न खायें।
11. मछली व दूध एक साथ सेवन न करें।
12. बच्चों के सामने गुप्त बातें एवं अश्लील बातें न करें।
13. रोग और दुश्मन को छोटा नहीं समझना चाहिए।
स्वस्थ रहने के 10 नियम प्रतिदिन अपनाये :-
- सूर्योदय से पहले उठे।
- प्रातः काल ध्यान करे।
- प्रतिदिन व्यायाम करे।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिये।
- भोजन सही समय पर ग्रहण करे।
- बहार का भोजन न करे।
- रात को अच्छी नीद ले।
- शराब व तम्बाकू का सेवन न करे।
- खुश रहे और तनाव से दूर रहे।
- और आपने ईष्ट की आराधना करे।