आखिर एक ब्राह्मण ने कैसे उतर वाई लव जिहादियों की गर्दन

ब्राह्मण ने लव जिहादियों की गर्दन ऐसे उतरवाई

राजस्थान का एक ऐसा जिला जहाँ पिछले 59 साल ने कोई भी लव जिहाद का केस सामने नहीं आया है, और वह जिला है जैसलमेर। आखिर ऐसा क्या हुआ था जैसलमेर में, जो पिछले 59 साल से आज तक कोई भी लव जिहाद का केस सामने नहीं आया है। यह बात है 1966 की जब जैसलमेर एक ब्राह्मण ने लव जिहादियों की ऐसी गर्दन उतरवाई की तब से और आज तक जैसलमेर में एक भी लव जिहाद का केस नहीं आया।  

यह बात 1966 की है जब जैसलमेर जिले के एक मुस्लिम गाँव सनावाडा में हुई एक घटना की है। सनावाड़ा एक मुस्लिम बाहुल्य वाला गाँव था, जहाँ का सरपंच भी मुस्लिम ही था। सरपंच का बेटा जोधपुर में पढाई करता था। और गर्मी की छुट्टीयों में आपने गाँव आया। और उसे पास ही के गाँव में रह रहे एकमात्र श्रीमाली ब्राह्मण परिवार की कन्या पसंद आ गयी और उसने आपने पिता से ब्राह्मण कन्या से सादी करने की इच्छा जिद की, पहले तो पिता ने पुत्र को धर्म और मजहब में अंतर बताया किन्तु जब पुत्र जिद्द पर अड़ गया।

और सरपंच कुछ मुसलमानों के साथ ब्राह्मण के पंहुचा और बलपूर्वक कन्या का हाथ अपने पुत्र के लिए माँगा। ब्राह्मण परिवार पर तो मानो ब्रजपात हो गया हो। किन्तु ब्राह्मण अकेले होने के कारण कुछ सोचकर समझकर दो महीने का समय माँगा। और दूसरे दिन हताश ब्राह्मणदेव पास ही के एक राजपूत गाँव में गए और गांव के ठाकुर मुखिया के यहाँ मुख्य द्वार पर फावड़े से मिट्टी खोदने लगे। बड़े ठाकुर साहब उस समय घर पर नहीं थे मगर 17 वर्षीय कुंवर घर पर ही थे। जब ब्राह्मण द्वारा मिटटी खोदने की सुचना उन्हें मिली तो कुंवर ब्राम्हणदेव के पास गए और आदरपूर्वक मिट्टी खोदने का कारण पूछा। 

ब्राह्मणदेव ने उत्तर दिया:-  की कुंवर जी, मैने सुना है धरती माता कभी बीज नहीं गंवाती। खोद कर देख रहा हूँ कि हमारे रक्षक क्षत्रिय समाज का बीज आज भी है या नष्ट हो गए? ब्राह्मणदेव के ऐसे शब्दो को सुनकर 17 वर्षीय कुंवर गुस्से से आग बबूला हो गए, और ब्राह्मणदेव को पूरी बात बताने को कहा और ब्राह्मणदेव की बात सुनकर कुंवर ने कहा की – 

मैं कुंवर तरुण प्रताप सिंह आपको वचन देता हूँ कि आपके आत्म सम्मान के लिए मैं आपने प्राण दे दूँगा किन्तु आपका सर नहीं झुकने दूंगा। आप अतिथि घर में पधारें.. स्नान आदि करके भोजन करिए… तब तक पिताश्री भी आ जायेंगे। और आपको निराश नहीं करेंगे।

जब ठाकुर साहब वापिस आये तो कुंवर ने पूरी बात बताई और वचन देने वाली बात भी बताई। ठाकुर साहब ने ब्राह्मणदेव से कहा कि:- ब्राह्मणदेव, मैं आपको धन देता हूँ। और आप अपनी कन्या का रिश्ता किसी योग्य ब्राह्मण लड़के से कर दीजिये। और साथ ही मुसलमान सरपंच को उसी तिथी पर बारात लेकर आने को कहिये। बाकी हम सम्भाल लगे। 

जैसा ठाकुर साहब ने कहा था ब्राह्मणदेव ने वैसा ही किया, और दो महीने पश्चात मुसलमान सरपंच भारी दलबल के साथ ब्राह्मण के घर बारात लेकर पहुँच गया। और तिलक के समय कुंवर तरुण सिंह ने अपने दो चाचा के साथ मिलकर पहले सरपंच के लड़के का सर काटा और कटे सिर को लहराते हुए उसी विवाह मंडप में भयंकर रक्तपात मचाया। 

और बाकि राजपूतो ने कार्बाइन से गोलियाँ चलायी और सभी बारातियों सहित सरपंच व मुल्ला मौलवियों को जहन्नुम पहुंचा दिया। तथा उस दिन का दिन और आज का दिन जैसलमेर में आज तक कोई लव जिहाद जैसी घटना नहीं हुई। कुंवर आज भी जीवित हैं। और आज भी जिहादी उनको देखकर भय से कापते है।

आज झूठी शान और जातिवाद में बटा हिंदू, वर्तमान राजस्थान की हालत का जिम्मेदार है। तभी अजमेर दरगाह पर हिंदू चादर चढ़ा रहे हैं, जिसने लाखों हिदुओ का मारा, धर्मांतरण करवाए, बलात्कार कीये, उस की कब्र पर चादर चढ़ा रहे है। और महाराणा प्रताप, शिवाजी, पृथ्वीराज चौहान के वंशज कटुओं को काटने की बजाय, उनके हाथों हलाल हो रहे बिरयानी खाकर, अपना खतरा बढ़ा रहे है। जागो हिन्दू जागो, और जातिवाद से बहार निकल संगठित हो, आज हिन्दुत्व का शत्रु मुसलमान है न की अन्य जाति में पैदा हुआ हिंदू भाई🚩🚩

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